
जब भी लगता है कि अमेरिका और चीन के रिश्ते थोड़ा नॉर्मल हो रहे हैं, तभी एक नया एपिसोड शुरू हो जाता है — और इस बार का नाम है: “टैरिफ टशन 2.0”!
चीन का बड़ा बयान: “लड़ाई शुरू अमेरिका ने की है, लेकिन खत्म हम करेंगे!”
चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज़ जारी की है जो किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं लगी।
बयान का सार कुछ यूं था:
“हम झगड़ा नहीं चाहते, लेकिन अगर कोई हमें चाय के साथ थप्पड़ परोसना चाहे, तो हम उसकी पूरी थाली पलट सकते हैं।”
चीन ने साफ कहा कि ट्रंप सरकार के 100% टैरिफ वाले ऐलान से नुकसान सिर्फ हमें नहीं, खुद अमेरिका की जेब को भी चूना लगेगा।
ट्रंप का टैक्स-टैक: चीन के सामान पर 100% टैरिफ!
डोनाल्ड ट्रंप की अगुआई में अमेरिका ने चीन से आयात होने वाले प्रोडक्ट्स पर 1 नवंबर 2025 से 100% अतिरिक्त टैरिफ लगाने का फैसला किया है। और वजह? क्योंकि चीन ने Rare Earth Elements (REE) की सप्लाई में कटौती कर दी — वही एलिमेंट्स जिनके बिना अमेरिका का AI, EV, और सेना सब फीके पड़ जाते हैं।
क्या हैं ये Rare Earth Elements, जिनके बिना अमेरिका अधूरा है?
इन एलिमेंट्स का नाम तो साइंस क्विज़ जैसा लगता है — होल्मियम, एर्बियम, गैलियम, स्कैंडियम — लेकिन काम बेहद हाई-टेक-रॉकेट्स,
स्मार्टफोन्स, इलेक्ट्रिक कार्स, मिसाइल सिस्टम और AI चिप्स … मतलब अमेरिका का पूरा ‘स्मार्ट इकोसिस्टम’ इन्हीं से चलता है। और मज़ेदार बात? 90% सप्लाई पर चीन का कंट्रोल है! कहते हैं “Don’t put all your chips in one basket”, लेकिन अमेरिका ने चिप्स से लेकर चिप-मेकिंग तक सब कुछ चीन के भरोसे छोड़ दिया।

2025 में फिर से ट्रेड वॉर: अमेरिका बनाम चीन – राउंड 2
पहले चीन ने Rare Earth की सप्लाई सीमित की, फिर अमेरिका ने AI चिप्स और सॉफ्टवेयर पर बैन लगा दिया। जवाब में अमेरिका ने 100% टैरिफ लगाया।
अब चीन ने कहा:
“लड़ने नहीं आए, लेकिन जबर्दस्ती अगर कोई मैच फिक्स करे, तो बैटिंग भी आएगी, बाउंसर भी।”
क्या होगा अगला कदम?
अमेरिका को सस्ते इलेक्ट्रॉनिक्स, गाड़ियां और गैजेट्स में झटका लगेगा। चीन अपने Rare Earth की वैल्यू और बढ़ा सकता है। यूरोपीय यूनियन और जापान भी इस लड़ाई का शिकार बन सकते हैं और WTO फिर से नोटिस भेजेगा जिसे कोई नहीं पढ़ेगा।
ट्रंप के टैरिफ ने चीन को गरमा दिया है — अब देखने वाली बात ये है कि ये ट्रेड वॉर TikTok की तरह Viral होती है या Zoom Call में सुलझ जाती है।
और हां, चीन ने ये भी कह दिया “हम मिसाइल एक्सपोर्ट नहीं कर रहे, पर मिज़ाज एक्सप्लोसिव है।”
ट्रंप का डील, मोदी का स्टाइल – गाज़ा में शांति या फिर एक और फोटोसेशन?